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Article Name : | | नारी के बदलते सामाजिक संदर्भां को आत्मसात करता: ‘‘अकेला पलाश’’ | Author Name : | | डॉ‐ अरजण वी‐ नंदाणीया | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-15595 | Article : | |  | Author Profile | Abstract : | | मानव जीवन के अनेकविध पहलू उजागर करने वाला एक सशक्त साधन और साहित्य की अत्यधिक लोकप्रिय विधा है-उपन्यास। उपन्यास विधा मंे समाज का प्रतिबिंब अन्य विधाओ की अपेक्षा अधिक अच्छी तरह से पडता है इसी कारण कहा जाता है कि इतिहास मेंनाम और काल ही सत्य है। परंतु असली चिरंतन सत्य के दर्शन तो साहित्य मंे खासकर उपन्यास मंे होते है। | Keywords : | | |
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