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Article Name : | | साठोत्तरी हिंदी महिला उपन्यासकाररो के उपन्यासों में परिवर्तित सामाजिक मूल्यबोध | Author Name : | | डॉ‐ अरजण वी‐ नंदाणीया | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-15587 | Article : | |  | Author Profile | Abstract : | | हिंदी शब्द सागर में समाज को इस प्रकार परिभाषित किया गया है - समूह, संघ, गिरोह, दल, सभा एक ही स्थान पर रहने वाले अथवा एक ही प्रकार के व्यवसाय आदि करने वाले वे लोग जो मिलकर अपना एक अलग समुह बनाते है। वह संस्था जो बहुत से लोगों ने मिलकर किसी विशिष्ट की पुर्ती के लिए स्थापित की हो सभा जैसे संगीत साहित्य समाज। | Keywords : | | |
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