|
Article Details :: |
|
|
| Article Name : | | | सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की कहानियों में साम्राज्यवाद,उपनिवेशवाद एवं सामंतवाद विरोधी स्वर | | Author Name : | | | सुनील कुमार राय | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | ROR-9369 | | Article : | |  | Author Profile | | Abstract : | | | निराला का साहित्य अपने आरंभ से ही प्रगतिशील चेतना से अनुप्रमाणित रहा है। उनका समग्र साहित्य जनसामान्य की पक्षधरता का साहित्य है। | | Keywords : | | - 'निराला' की कहानियों में साम्राज्यवाद,सूर्यकांत त्रिपाठी,
|
|
|
|