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| Article Name : | | | प्रवासी हिन्दी साहित्य: अवधारणा एवं स्वरूप | | Author Name : | | | प्रकाश कुमार | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | ROR-8606 | | Article : | |  | Author Profile | | Abstract : | | | हिन्दी में प्रवासी साहित्य नवयुगीन साहित्यिक विमर्श है। हिन्दी में इसका आरम्भ प्रेमचंद की ’यही मेरी मातृभूमि है’ (1908) और शूद्रा (1926) की कहानियों से माना जाता है। | | Keywords : | | - प्रवासी हिन्दी साहित्य,अवधारणा,
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