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Article Name : | | भारतीय संस्कृति में तंत्रयोग की अवधारणा एवं भ्रांतियां | Author Name : | | अंकित शर्मा, प्रो. गणेश शंकर | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-8560 | Article : | | | Author Profile | Abstract : | | मनुष्य की अमूल्य संपदा उसकी संस्कृति होती है। संस्कृति शब्द संस्कृत भाषा के ‘कृ’ करणे धातु से निष्पन्न है। इस धातु से तीन शब्द बनते हैं ‘प्रकृति’ (मूल स्थिति), ‘संस्कृति’ (परिष्कृत स्थिति) और ‘विकृति’ (अवनति स्थिति)। | Keywords : | | - भारतीय संस्कृति,तंत्रयोग,
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