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Article Name : | | आज के समाज में गहराता वैश्वीकरण का संकट और केदारनाथ सिंह की कविताएँ | Author Name : | | डाॅ. जोतिमय बाग | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-8195 | Article : | | | Author Profile | Abstract : | | स्वाधीनता के बाद भारतीय जीवन पर विज्ञान एवं प्राद्योगिकी का तेज़ी से विकास हुआ है। इसके बढ़ते कदम ने मनुष्य को ही पीछे छोड़ दिया है। विज्ञान की बढ़ती संस्कृति आज मानव संस्कृति को बौना कर दिया है। | Keywords : | | - गहराता वैश्वीकरण,केदारनाथ सिंह की कविताएँ,
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