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Article Name : | | सामान्य माणसाचं जगणं उलघडून दाखवणा-या कविता : प्रकाशकण उमलताना | Author Name : | | प्रा. डॉ. शिवलिंग मेनकुदळे | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-7262 | Article : | | | Author Profile | Abstract : | | भारतीय साहित्यक्षेत्रात काव्य हा एक आत्मनिष्ठ वाड्मय प्रकार म्हणूनच उदयास आलेला पहावयास मिळतो तथापि कवीची ही आत्मनिष्ठा तात्कालिन सामाजिकतेपासून आलिप्त राहू शकत नाही. | Keywords : | | |
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