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Article Name : | | जैन ग्रंथों में बहत्तर कलाओं का अवदान | Author Name : | | सौ. लीना संचेती, साध्वी प्रतिभाजी प्राची | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-6580 | Article : | | | Author Profile | Abstract : | | किसी भी देश की संस्कृति का मुल्य उसके प्राचीन शिल्पस्थापत्य और साहित्य से आँका जाता है । अर्थात, विदया और कला देश का अनमोल धन है । | Keywords : | | |
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