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Article Name : | | लोककल्पनाबंधाचे वाङ्मयीन सौंदर्य | Author Name : | | प्रा. डाॅ. राजशेखर शिंदे | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-6505 | Article : | | | Author Profile | Abstract : | | मानवी समाज अत्यंत प्रगत आहे. तो विकसीत असूनही परिवर्तनशील आणि परंपराप्रिय राहिला आहे. एकेकाळच्या कपोलकल्पित बाबी आज सत्यात उतरलेल्या आहेत. | Keywords : | | - लोककल्पना,वाङ्मयीन सौंदर्य,
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