|
Article Details :: |
|
|
| Article Name : | | | स्वतंत्र्योत्तर हिन्दी कविता के प्रतिमान तथा विवेकानंद दर्शन | | Author Name : | | | डॉ. सुधीर शर्मा, सनीश चन्द्र | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | ROR-6391 | | Article : | |  | Author Profile | | Abstract : | | | दर्शन कविता की उच्चावस्था है । (1) कविता एवं दर्शन संगी बन जाते हैं । (2) - इन विचारों के माध्यम से युगनयक स्वामी विवेकानंद ने कविता की सरसता तथा दर्शन की सुगमता के मध्य संबंध सेतु स्थापित किया था । | | Keywords : | | - हिन्दी कविता,विवेकानंद दर्शन,
|
|
|
|