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Article Name : | | ‘‘व्यक्तित्व विकास में धर्म का महत्व’’ प्रकार्यवादी विवेचना | Author Name : | | डाॅ. सुषमा नयाल | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-6172 | Article : | | | Author Profile | Abstract : | | मानव जीवन में सुखद, शान्तिपूरक, आनन्दित एवं मनुष्यता की अवस्था को सर्वोच्च स्थिति में पहुँचाने के तत्व का नाम धर्म है। सदाचरिता, सच्चरित्रता, दया करूणा, कर्तव्यपरायणता, पुरुषार्थी बनने की प्रेरणा, जियो एवं जीने दो जैसे परोपकारी मूल्य, सामाजिक आदर्शों के सन्देश धर्म के उदेश्य ही हैं, धर्म का अर्थ व्यक्ति का समाज व्यवस्था के अनुकूल धारण की गयी प्रकृति, गुण, स्वभाव, दर्शन, सोच, कर्म आदि हैं। | Keywords : | | - धर्म का महत्व,व्यक्तित्व विकास,
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