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Article Name : | | दास्य भक्ति की लयात्मकता में सूरदास की स्वरलहरी | Author Name : | | रेणु बाला | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-3861 | Article : | | | Author Profile | Abstract : | | महाकवि सूरदास जी हिन्दी साहित्य के उन महान कवियों में हैं जिनके ऊपर उसका महान गौरव टिका है। सूर को अविर्भाव उस समय में हुआ जब हिन्दू जाति विदेशी आक्रमणकारियों से संत्रस्त होकर एकदम निराश और विषण हो चूकी थी। | Keywords : | | |
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