संविधान के उपबन्धों से यह बिलकुल स्पष्ट रूप में उल्लेखित किया गया है कि धर्म के मामले में राज्य की एक सकारात्मक भूमिका है। राज्य धर्म के मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा। किन्तु इसका आशय यह नहीं है कि धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का दुरूपयोग किये जाने पर राज्य चुप नहीं रहेगा। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 (1) के अधीन राज्य लोक-व्यवस्था, सदाचार और स्वास्थ्य के हित में तथा खण्ड (2) के अधीन धर्म से सम्बंद्ध आर्थिक, राजनैतिक और अन्य लौकिक क्रियाकलापों को विधि बनाकर विनियमित या प्रतिबन्धित कर सकती है। |