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Article Name : | | रघुवीर सहाय के काव्य मे “जनता” की अवधारणा | Author Name : | | Pankaj Singh | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-2198 | Article : | | | Author Profile | Abstract : | | लोकतांत्रिक शासन-प्रणाली में जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि शासन चलाते हैं। अप्रत्यक्ष रूप से जनता इस शासन-प्रक्रिया में भागीदार होती है। लेकिन लोकतंत्र का यह रूप केवल सैद्धान्तिक दृष्टि से ही अच्छा है, व्यावहारिक तौर पर देखें तो इसमें कई कमियाँ मिलती हैं। अपनी इन्हीं खामियों के कारण लोकतंत्र कई बार भीड़तंत्र में तब्दील हो जाता है। | Keywords : | | - “जनता”
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