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Article Details ::
Article Name :
“नास्तिक दर्शनों में ईश्वर सम्बन्धी विचार“
Author Name :
विनय पटेल
Publisher :
Ashok Yakkaldevi
Article Series No. :
ROR-1835
Article :
Author Profile
Abstract :
पाश्चात्य दर्शन में ईश्वर सम्बन्धी विचारों की समीक्षा करने पर यह ज्ञात होता है कि इस दार्शनिक परम्परा की प्रारंभिक अवस्था में ईश्वर सम्बन्धी कोई ठोस विचार नहीं प्रस्तुत किये गये। पाश्चात्य दर्शन के जनक थेलीज (624 ई.पू. से 546 ई.पू.) की दार्शनिक अवधारणाओं के अध्ययन से यह विदित होता है कि उन्होंने सर्वप्रथम ‘जड़ जगत्’ का विवेचन किया है। उन्होंने जड़ जगत् का कारण भी जड़-तत्त्व को ही बतलाया है। उनके अनुसार ‘‘जल परम तत्त्व है, जो समस्त सांसारिक वस्तुओं का परम कारण है।’’ यह जल स्वयं जड़ तत्त्व है। अतः जगत् का स्वरूप जड़ात्मक ही है। इस प्रकार से हम पाते हैं कि पाश्चात्य दर्शन का प्रथम दार्शनिक दृष्टिकोण भौतिकतावादी है और उसमें चेतन तत्त्व का कोई स्थान नहीं है। आत्मा, परमात्मा आदि अभौतिक तत्त्वों की विवेचना का कोई भी संकेत उसमें नहीं प्राप्त होता है।<
Keywords :
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