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Article Name : | | परमतत्व विवेचन में सम्प्रदायगत वैषम्य | Author Name : | | जयवीर सिंह तैंनगुरिया | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-1769 | Article : | | | Author Profile | Abstract : | | सम्पूर्ण वेदान्त दर्शन एवं उसके विभिन्न सम्प्रदाय औपनिषदिक सिद्धान्त के व्याख्यापरक दर्शन है, किन्तु उनमें से मौलिकता की दृष्टी से रामानुजाचार्य दर्शन का स्थान शंकराचार्य दर्शन के समकक्ष माना जाता है। साधारण तौर पर ये दोनों वेदान्त सम्प्रदाय एक दूसरे के पूरक एवं एक ही सिद्धान्त के दो पहलू हैं। दोनों अद्वैत मत के समर्थक हैं, किन्तु शांकर वेदान्त जहा¡ निर्विशेष ब्रम्हात्मैक्य पर विशेष बल देता है। | Keywords : | | - विभिन्न सम्प्रदाय एवं वैषम्य ।
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