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Article Name : | | "?????? ?????? ?? ???????? ??? ?????? ?????" | Author Name : | | शालीन तिवारी | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-1729 | Article : | | | Author Profile | Abstract : | | जयशंकर प्रसाद अपने युग के ऐसे कहानीकार हैं जिन्होंने अपने समय में बहुप्रचलित कहानीकार प्रेमचन्द का अनुकरण नहीं किया बल्कि उन्होंने एक अलग कहानी कला का विकास किया जो बाद के कहानीकारों के लिए प्रेरणा स्राेत बना। प्रसाद ने अपनी कहानियों में मानव मन के अन्तद्वर्न्द्व तथा उनकी मनोवैज्ञानिक बुनावट पर अत्यधिक ध्यान दिया किन्तु उन्होंने, चूकि मानव एक सामाजिक प्राणी है, मानव के सामाजिक तथा आर्थिक पक्ष को नजरअन्दाज नहीं किया। प्रसाद की कहानिया अपने समय की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक समस्याओं का अत्यन्त सूक्ष्म विश्लेषण प्रस्तुत करती हैं। | Keywords : | | - मानव के सामाजिक तथा आर्थिक,मानव के सामाजिक तथा आर्थिक,मानव के सामाजिक तथा आर्थिक
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