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Article Details :: |
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| Article Name : | | | बंजारा समाजः संस्कार लोकगीत | | Author Name : | | | प्रा. यशदीप शंकराव राठोड, डॉ. भालेराव जी. पी. | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | ROR-16455 | | Article : | |  | Author Profile | | Abstract : | | | प्राचीन काळापासुन व्यक्तीसमोर पुरूषार्थ साधनेच उद्दीष्टे ठेवले जाते त्यासाठी अंगभूत गुणांचा यथोचित उपयोग झाला पाहिजे या दृष्टीने भारतीय संस्कृतीत विविध संस्काराच्या मागे धार्मीक श्रध्दा प्रबळ होती तरी त्यांचा सामाजिक आशय लपून राहत नाही. | | Keywords : | | |
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