Article Details :: |
|
Article Name : | | रामायण काल में आश्रम व्यवस्था | Author Name : | | राजेश कुमार,सुषमा नारा | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-16308 | Article : | |  | Author Profile | Abstract : | | प्राचीन काल से लेकर आज तक भारत में अध्यापन पुण्य का कार्य माना गया है। गृहस्थ ब्राह्मण के पांच महायज्ञों में ब्रह्मयज्ञ का स्थान सर्वोच्च था। ब्रह्मयज्ञ में विद्यार्थियों को शिक्षा देना प्रधान कर्म था। | Keywords : | | - रामायण काल,आश्रम व्यवस्था,
|
|
|
|