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Article Details :: |
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| Article Name : | | | ‘संस्कृत की महत्ता, उपयोगिता एवं समृद्ध रोजगार के शाश्वत अवसर : एक विमर्श’ | | Author Name : | | | डॉ. धर्मेन्द्र कुमार | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | ROR-16270 | | Article : | |  | Author Profile | | Abstract : | | | सामाजिक संस्कार,व्यक्ति परिष्कार व दोनों के समन्वित सद्विचार, सद्व्यवहार एवं सदाचार के निमित्त शिक्षा के समस्त स्वरूपों की आवश्यकता होती है,चाहे वह औपचारिक शिक्षा हो, अनौपचारिक या निरौपचारिक हो। | | Keywords : | | - संस्कृत,व्यक्ति परिष्कार,
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