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Article Name : | | “आठवे दशक के हिंदी नाटकों में प्रतिबिंबित परिवार” | Author Name : | | डॉ. सौदागर साळुंखे | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-16269 | Article : | |  | Author Profile | Abstract : | | परिवार' मनुष्य के सामाजिक जीवन की प्रारंभिक पाठशाला है। जिसे व्यक्ति के वैयक्तिक और सामाजिक दृष्टि से अनिवार्य माना गया है। आधुनिक जीवन दृष्टि, भौतिकवाद का आग्रह, स्त्री-पुरुष समानता शिक्षा-दीक्षा, स्त्री-शिक्षा, यौन स्वातंत्र्य की लालसा से सामजिक मूल्यों में तीव्र परिवर्तन हो रहे हैं जिससे संयुक्त एवं केंद्रीय परिवार, विवाह, दांम्पत्य आदि से संबंधित रस्मों-रिवाज एवं प्रथाएँ टूट रही हैं। | Keywords : | | |
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