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Article Name : | | समकालीन कविता की भावधारा में प्रेम और स्त्री देह | Author Name : | | डॉ‐ अरजण वी‐ नंदाणीया | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-15588 | Article : | |  | Author Profile | Abstract : | | समकालीन कविता में प्रेम और स्त्री देह के प्रति कवि का आक्रोश अभिव्यक्त हुआ है। जहाँ प्रेम की परिभाषा बदली है वहीं देह का आकर्षण बढा़ है। देह का आकर्षण बाजार उत्पन्न करता है। वैश्वीकरण के दौर में माल की खपत की होड़ लगी र्हइु है। उपभोक्ता को आकर्षित करने के लिए स्त्री देह का भरपरू प्रयोग किया जा रहा है। यहीं से कवि का चिन्तन जागृत होता है। | Keywords : | | - समकालीन,प्रेम और स्त्री देह,
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