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Article Name : | | परिव्राजक : मराठी समिक्षेला न पेललेले कथाशिल्प | Author Name : | | डॉ. प्रकाश कांबळे | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-15473 | Article : | |  | Author Profile | Abstract : | | परिव्राजक या सशक्त कथाशिलपाच्या माध्यमातून मराठी साहित्यविश्वात दमदारपणे प्रवेश करणाऱ्या गौतमीपुत्र कांबळे या तत्त्वचितंक साहित्यिकाविषयी बहुतांश मराठी साहित्यविश्व अनभिज्ञच आहे. जागतिक कथासाहित्यात श्रेष्ठ ठरावे असे 'परिव्राजक' हे कथाशिल्प १५ वर्षांपूर्वी प्रकाशित होऊनही मराठीतील मर्मज्ञ अशा समीक्षकांनी त्यासंदर्भात एक अक्षरही लिहू नये याला काय म्हणावे? हा कथा संग्रह मराठी समीक्षेला पेलला नाही की आणखी काही कारण? एक मात्र निश्चित की मराठी समीक्षेने या कथासंग्रहाची दखल www घेतली नाही. | Keywords : | | |
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