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Article Name : | | ‘ यासि रासा त ’ में यथार्थ और लोक आख्यान | Author Name : | | डॉ. कस्तूरी चक्रवर्ती | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-15112 | Article : | | | Author Profile | Abstract : | | हिन्दी के प्रसिद्ध आलोचक डॉ.गुलाब राय के शब्दों में -“यथार्थ वह जो नित्य प्रति हमारे सामने घटता है । उसमें पाप-पुण्य, धूप-छाँव और सुख-दुख मिश्रित रहता है । यह सामान्य भाव-भूमि के समतल रहता है और वर्तमान की वास्तविकता में सीमाबद्ध रहता है । वर्ग के स्वर्णिम सपने उसके लिए परी देश की वस्तु है जो उसकी पहुँच से बाहर है । भविष्य उसके लिए कल्पना का खेल है वह संसार के हाहाकार और करूण क्रंदन का यथातथ्य वर्णन करता है ।” | Keywords : | | - यासि रासा त ,यथार्थ ,आख्यान,
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