Article Details :: |
|
Article Name : | | महादेवी के काव्य में गीतितत्व | Author Name : | | डाॅ. सुमित सिंह | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-11633 | Article : | | | Author Profile | Abstract : | | वेदना एवं उल्लास के अतिरेक से मानव-हत्तन्त्री स्पन्दित होकर जो स्वर-विधान करती है, वह गीति-काव्य की संज्ञा प्राप्त करता है । | Keywords : | | - महादेवी के काव्य,गीतितत्व,
|
|
|
|