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| Article Name : | | | ‘‘आंतरर्वुळ बहिर्वर्तुळ सिद्धांत आणि मराठी भाषेचा पुनर्विचार’’ | | Author Name : | | | प्रा. कदम संभाजी धोंडीराम | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | ROR-11164 | | Article : | |  | Author Profile | | Abstract : | | | मराठी भाषा ही आर्य भारतीय भाशा कुलातील सर्वात जुनी भाषा आहे.तिच्या दक्षिणेला वापूर्वेला लगत असणा-या भाषा म्हणजे अनुक्रमे कानडी, तेलगू, तमिळ, मल्याळम् या द्रविडी भाषा होेत. होन्र्ले -ग्रिअर्सन यांनी आंतरर्वुळ बहिर्वर्तुळ सिद्धांत मांडला आहे. त्यांच्या मते मराठी ही बहिर्वर्तुळातील भाषा ठरते. | | Keywords : | | - आंतरर्वुळ बहिर्वर्तुळ सिद्धांत,मराठी भाषा,
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