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Article Name : | | हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा में हास परिहास का अनुशीलन | Author Name : | | कुसुमलता प्रजापति, डाॅ. आँचल श्रीवास्तव | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | ROR-10857 | Article : | | | Author Profile | Abstract : | | साहित्य में गंभीर और सतही बातों को कहने की विशिष्ट शैली होती है जिससे गंभीर बाते बड़ी सहजता से अभिव्यक्त होती है और सतही बातें भी गंभीर लगती हैं। आवश्यकता और प्रसंगानुसार वह पाठकों के भावों को संवेदित करती हैं। पद्य में भाव संवेदन शक्ति के आधार पर ही तीन तरह की शब्द शक्तियाँ आई-अभिधा, लक्षणा और व्यंजना। | Keywords : | | - हरिवंश राय बच्चन,हास परिहास,
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