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Qualis Capes / BRAZIL as B3

Article Details ::
Article Name :
सरगुजिहा बोली: गुरतुर बोली
Author Name :
कुसुमलता प्रजापति
Publisher :
Ashok Yakkaldevi
Article Series No. :
ROR-9080
Article :
Author Profile
Abstract :
सरगुजिहा बोली में लिखी, बोली और पढ़ी गई रामप्यारे रसिक जी की ये मार्मिक पंक्तियां एक ओर जहां सरगुजिहा बोली की मधुरिमा समेटे हुए है वहीं दूसरी ओर ‘‘देखन में छोटन लगे, घाव करे गंभीर’’ की तर्ज पर तथाकथित आधुनिकता पर प्रहार भी करती है।
Keywords :
  • गुरतुर बोली,सरगुजिहा बोली,
 
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